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भगवान राम कालीन पंछी जटायु का किया अंतिम संस्कार

 

जीवदया अभियान से जुड़े दो युवाओं ने दिखाई मानवता – जटायु का किया अंतिम संस्कार

थांदला। जीवदया अभियान से जुड़े दो युवा
थांदला के गाँव कोटड़ा से पूर्व सरपंच पिंटू डामोर व विक्रम मेड़ा सागर जिलें की राहतगढ़ तहसील में गए हुए थे तब उन्हें वहाँ से लगे जंगल मे काम के दौरान बिजली के खम्भें के निकट मृत जटायु दिखाई दिया जो सम्भवतया बिजली के करंट लगने से मरा हो सकता है ऐसे में मानवता दिखाते हुए दोनों युवाओं ने उसका विधिवत अंतिम संस्कार किया।
पिंटू ने बताया कि पौराणिक काल में माता सीता हरण के दौरान रावण से लड़ते-लड़ते प्रथम वीरगति को प्राप्त होने वाले पक्षियों के राजा पक्षिराज जटायु के वंशजो मे से आज एक जटायु के दर्शन कर उसके अंतिम कर्म का सौभाग्य उन्हें मिला यह किसी पुण्य से कम नही है। पिंटू ने बताया कि उस काल में स्वयं भगवान श्री राम ने जटायु के बलिदान के प्रति संवेदना व्यक्त कर उसका अंतिम संस्कार किया था ऐसे में उनके वंशज पक्षिराज जटायु का अंतिम संस्कार कर उन्हें भी श्रीराम का प्रिय बनने का सौभाग्य मिला है। उनके इस कार्य से जीवदया अभियान से जुड़े सदस्यों व मानवसेवा में संकल्पित समाजसेवी संस्थाओं में भी पशु सेवा का जज़्बा पैदा हुआ है। जीवदया अभियान के राष्ट्रीय संयोजक पवन नाहर व पंछी बचाओ अभियान के संयोजक समकित तलेरा ने बताया कि जिलें में संस्था मानव सेवा के साथ पशु पक्षियों के बचाव के लिए कार्य कर रही है ऐसे में संस्था आने वालें गर्मी के दिनों में प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी पक्षियों के दाना-पानी के लिए सकोरें, पशुओं के लिए पानी की टँकी व प्याऊ के लिए नान उपलब्ध करवाएगी। उन्होंनें नगर जनों व ग्रामीणों से अपील की है कि वे भी जीवदया अभियान से जुड़े व अपने यहाँ घर के आसपास व छतों व पेड़ों पर पशु पक्षियों के लिए दाना-पानी का प्रबंध करें इसके लिए संस्था उन्हें दाना-पानी की उपलब्धता के अलावा सकोरें, टँकी व नान आदि से हर सम्भव मदद करेगी।

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