आचार संहिता लागू प्रशासन आया हरकत में ।।
आचार संहिता हुई लागू, प्रशासन आया हरकत में
सार्वजनिक स्थानों पर लगी प्रचार सामग्री हटाई.
बिना अनुमति झंडे, बैनर, पोस्टर, होर्डिंग लगाने वालों पर होगी कार्रवाई
आचार संहिता हुई लागू, प्रशासन आया हरकत में
सार्वजनिक स्थानों पर लगी प्रचार सामग्री हटाई.
बिना अनुमति झंडे, बैनर, पोस्टर, होर्डिंग लगाने वालों पर होगी कार्रवाई.
समकित तलेरा(संपादक)
सुमित तलेरा (सह संपादक)
आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होते ही स्थानीय प्रशासन ने आनन फानन में सार्वजनिक स्थानों पर लगी हुई प्रचार सामग्री को हटाई
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित करने पर शनिवार को ही तत्काल समूचे नगर में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। इसके बाद कुछ ही देर के भीतर स्थानीय प्रशासन पूरी तरह हरकत में आ गया।
अनुविभागीय अधिकारी तरुण जैन तहसीलदार अनिल बघेल, एसडी ओपी रविन्द्र राठी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी शीतल जैन ने परिषद कर्मचारियों की टीमों का गठन कर प्रशासनिक अमले क़े साथ उक्त टीमों ने बिजली और टेलीफोन के खंबों समेत सरकारी भवन एवं सार्वजनिक स्थलों पर सियासी पार्टियों से जुड़़े नेताओं द्वारा लगाई हुई प्रचार सामग्री को हटाकर अपने कब्जे में कर लिया। आचार संहिता लागू होने के बाद अब परमीशन के बिना कोई भी प्रचार सामग्री लगाई जानी संभव नहीं हो सकेगी, परंतु अगर कोई इस संबंध में मनमानी करता है तो उसके विरुद्ध प्रशासनिक स्तर से संबंधित कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम थांदला तरुण जैन का कहना है कि आचार संहिता लागू होने के कारण सार्वजनिक स्थानों पर लगी प्रचार सामग्री को हटवा दिया गया है। उन्होंने बताया कि अब बैनर, पोस्टर, होर्डिंग लगाने के साथ ही लाउड स्पीकर बजाने से लेकर जनसभा करने और वॉल पेंटिंग की भी परमीशन लिया जाना पूरी तरह जरूरी हो गया है। अगर कोई भी आचार संहिता का उल्लंघन करेगा तो उसके विरुद्ध संबंधित धाराओं में कार्रवाई की जाएगी।
–तबादलों पर रोक लगने से अब अधिकारी कर्मचारी भी ले रहे राहत की सांस
लोकसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित होते ही देश में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू होने से सरकारी विभागों से जुड़े अधिकारी कर्मचारी भी राहत की सांस ले रहे हैं। क्योंकि आचार संहित हटने तक अब किसी दूसरी जगह ट्रांसफर पोस्टिंग होने का डर नहीं रहेगा। चुनावी कार्यक्रम घोषित होने को लेकर पिछले कई दिनों से लगातार कयासबाजी का दौर चल रहा था, जिसको लेकर क्षेत्र से जुड़े कई अधिकारी कर्मचारी दबी जुबान में जल्द से जल्द आचार संहिता लागू की मन्नत कर रहे थे। हालांकि अगर देखा जाए तो ट्रांसफर पोस्टिंग पर रोक लगने के बाद भी अधिकारी कर्मचारी आंख मूंदकर अपनी मनमानी नहीं चला पाएंगे, क्योंकि शिकायत होने पर निर्वाचन आयोग द्वारा जांच में सच्चाई सामने आने पर ऐसे अधिकारी कर्मचारियों को बख्शा नहीं जाता है।