“आचार्य श्री के आशीर्वाद से धन्य हुआ जीवन” – पवन नाह
- “आचार्य श्री के आशीर्वाद से धन्य हुआ जीवन” – पवन ना
थांदला दिगम्बर समाज ने किया श्रद्धांजलि सभा का आयोजन
हमने गौरवशाली भारत के उस युग में जन्म लिया है जहाँ जैनाचार्य पूज्य श्री जवाहरलालजी म.सा., जैनाचार्य पूज्य श्री उमेशमुनिजी म.सा. “अणु”, पुण्य सम्राट श्रीमद विजय जयंतसेन सूरीश्वरजी महाराज, कड़वे प्रवचन के जरिये इंसान को सही दिशा प्रदान करने वाले राष्ट्र्संत तरुणसागरजी महाराज, आध्यात्म चेतना के ध्रुव विद्यासागरजी महाराज, थांदला के महान संत पुण्यसागरजी महाराज आदि अनेक महान विभूतियों के दर्शन वंदन व उनके सानिध्य पाने का सुखद सौभाग्य पाने का अवसर मिला है उनके सानिध्य वात्सल्यमय आशीर्वाद से हमारा जीवन धन्य बन गया है। उक्त बातें ऑल इण्डिया जैन जर्नलिस्ट एसोसिएशन (आईजा) के राष्टीय उपाध्यक्ष पवन नाहर ने कही। उन्होंनें कहा कि बीती रात करीब ढाई बजे दिगम्बर संत शिरोमणि, भारत गौरव, अनेक भाषाओं के ज्ञाता, परम ज्ञानी, परम तपस्वी आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के समाधि के समाचार प्राप्त हुए जो मन को पीड़ा देने वालें अवश्य थे लेकिन उनके द्वारा जिस समता भाव से जीवन जिकर मानव भव की सार्थक किया उसकी अनुमोदना ने आर्तभाव को मन मे लाने नही दिया। आपका यशस्वी साधनामय जीवन अनेक त्याग तपस्या व प्रभु महावीर के सिद्धांतों पर अडिग आस्था के साथ नश्वर देह को सार्थक करने वाला रहा है।
विश्ववंदनीय,परम ज्ञानी,परम तपस्वी, वर्तमान के भगवान आचार्य श्री भले ही सशरीर हमारे मध्य विराजमान नहीं हैं किन्तु उनके ज्ञान, दिगम्बरत्व की कठिन तपस्या-साधना का सूर्य सदैव हम सभी को अपने प्रकाश से आलोकित करता रहेगा। आचार्य श्री के जीवन दर्शन और उपदेशों ने लाखों लोगों के जीवन का कल्याण किया है। हर मनुष्य यदि आचार्य श्री के दिखाए हुए मार्ग को जीवन में आत्मसात करें तो वह स्वयं के जीवन को सार्थक करते हुए परिवार, समाज, भारत देश और विश्व के कल्याण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
राष्ट्रसन्त के समाधि मरण पर थांदला सकल जैन समाज ने आधे दिन तक अपना सम्पूर्ण व्यवसाय बंद रखा वही दिगम्बर जैन समाज न उनके लिए श्रद्धांजलि स्वरूप गुणानुवाद सभा का आयोजन रखा। सभा में बड़ी संख्या में जैन जेनेत्तर बन्धु उपस्थित रहे व विद्यासागरजी के साधनामय जीवन की अनुमोदना करते हुए उनके शीघ्र मोक्ष जाने की मंगल कामना की। सभा में दिगम्बर समाज के अध्यक्ष बाला कोठारी, महावीर मेहता, अनूप मिंडा, संजय कोठारी, प्रियंक मेहता, अभय मेहता, श्वेताम्बर स्थानकवासी संघ अध्यक्ष भरत भंसाली, नगीनलाल शाहजी, जितेंद्र घोड़ावत, हितेश शाहजी, पवन नाहर, समकित तलेरा, तेरापंथ सभा से अरविंद रुनवाल, संतोष श्रीमाल, प्रवीण मेहता, मूर्तिपूजक संघ अध्यक्ष कमलेश जैन, यतीश छिपानी, संजय जैन आदि में से अनेक श्रावक श्राविकाओं ने भी अपने भावों से पूज्य श्री के गुणों का स्मरण किया।