*काशी विश्वनाथ की कल दिनांक 19 अगस्त को भव्य शाही सवारी*
थांदला – नगर के पश्चिमी भाग में पदमावती के तट पर स्थित देवी अहिल्या बाई व्दारा स्थापित प्राचीन श्री काशी विश्वनाथ महादेव की परम्परागत शाह सवारी श्रावण मास के अतिम सोमवार कल दिनांक 19 अगस्त पूर्णिमा के अवसर पर सायं 04 बजे काशी विश्वनाथ मन्दिर से नगर भ्रमण हेतू निकाली जावेंगी । जो की देर सायं नगर भ्रमण पश्चात पूनः मन्दिर पहॅूंचेगी । युवा रामायण मण्डल के
भरत कसेरा, कपील वैघ ने जानकारी देते हूए बताया की इस वर्श देवी अहिल्या बाई के जन्म को 300 वर्ष पूर्ण हो रहे है । भगवान शिव की अनन्य उपासक कुशा शासक जिन्हे लोक माता के रूप में जाना जाता है । सवारी में अहिल्या के विसाल रूप के साथ भगवान को विराजमान कर नगर भ्रमण कराया जावेंगा ।
*सवारी के मुख्य आकर्षण रहेंगे*
रामदल अखाडें का शोर्य प्रदर्शन, ढोल, ताशे की करतल ध्वनि के साथ महाकाल अघोरी दल, बहाबुली हनुमान का विराट रूप, आदिवासी लोक संस्कृति का प्रतिक भगोरिया नृतक दल , बैेंण्ड पर भक्ति धून के साथ भगवान चन्द्रमोलेष्वर के स्वरूप की महाकाल पालकी एवं सुसज्जीत अहिल्या रथ पर विराजमान भगवान काषी विष्वानाथ दर्षन ।
*विशेष फलदायी संयोग*
पं. सुरेन्द्र आचार्य ने बताया इस वर्श श्रावण अदभुत संयोग के साथ प्रारम्भ हूआ है भगवान षिव के दिन सोमवार से प्रारम्भ होकर श्रावण पूर्णिमा सोमवार को ही श्रावण मास समाप्त हो रहा है । ऐसे में जहाॅं पूर्णिमा तिथि पर जप,तप, स्नान, दान, पूजन एवं दर्शन का विशेष महत्व है वही रक्षाबंधन महापर्व होने से भगवान के नगर भ्रमण के दौरान भगवान भक्तों के बींच निकलेंगे । इस अवसर पर भगवान को अपनी लोक कल्याण की मनोकामना के साथ रक्षा सूत्र अर्पण करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है मनोकाना पूर्ण होती है । यह संयोग अदभुत है ।