Blog

मनाया गया फाल्गुनी चौमासी पर्व

 

 

 

 

 

 

धर्म नगरी थांदला में साध्वी वृंद के सानिध्य में जप – तप से मनाया गया फाल्गुनी चौमासी पर्व

कई श्रावक श्राविकाओं ने की विभिन्न तपाराधना एवं पौषध

थांदला। आचार्यश्री उमेशमुनिजी के सुशिष्य प्रवर्तकश्री जिनेंद्रमुनिजी की आज्ञानुवर्तिनी साध्वीश्री निखिलशीलाजी, दिव्यशीलाजी, प्रियशीलाजी, दीप्तिजी म. सा. ठाणा 4 के सानिध्य में यहां श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ द्वारा रविवार को फाल्गुनी चौमासी पर्व जप, तप, त्याग, तपस्या व विविध आराधनाओं के साथ मनाया गया। इस पर्व पर श्रावक श्राविकाओं एवं बच्चों में विशेष उत्साह छलकता नजर आया। इस प्रसंग दिवस पर हर किसी ने शक्ति अनुसार कोई न कोई तप अवश्य किया। गौरतलब है कि साध्वी मंडल के सानिध्य में प्रातः राई प्रतिक्रमण, प्रार्थना, दोपहर में ज्ञान चर्चा, शाम को देवसीय प्रतिक्रमण, कल्याण मंदिर, चौवीसी आदि विविध आराधनाएं नियमित हो रही हैं। जिसमें श्रावक श्राविकाएं उत्साहपूर्वक आराधना का लाभ ले रहे हैं।

वर्ष में तीन बार आता है चौमासी पर्व

श्रीसंघ के अध्यक्ष भरत भंसाली , सचिव प्रदीप गादिया एवं श्री ललित जैन नवयुवक मंडल के अध्यक्ष रवि लोढ़ा ने बताया कि जैन धर्म में कर्मो की प्रधानता हैं जिन्हें क्षय करने के लिए पुरुषार्थ किया जाता हैं। तप पुरुषार्थ व अन्य धर्म आराधना कर्म निर्जरा का हेतू बनता हैं। ‘पक्खी पर्व’ पर विशेष आराधना की जाती है, प्रति माह में दो बार और वर्ष में 24 बार पक्खी पर्व आता हैं। वहीं ‘चौमासी पर्व’ वर्ष में तीन मर्तबा आता हैं। फाल्गुनी चौमासी पर्व, वर्षावास प्रारंभ आषाढ़ी चौमासी पर्व, वर्षावास पूर्ण कार्तिक पूर्णिमा चौमासी पर्व। ये तीनों चौमासी पर्व वर्ष में आने वाले 24 पक्खी पर्व में निहित हैं। आगम में इन पर्वों को मनाने का विशेष महत्व दर्शाया गया हैं। धर्म आराधना सदैव फलदायक, कल्याणकारी होती ही है, परंतु इन पर्वों के आने का आराधकों को बेसब्री से इंतजार रहता है और इस दौरान आराधना करने वाले आराधकों को विशेष लाभ अर्जित होता हैं।

फाल्गुनी चौमासी पर्व मनाया गया

पौषध भवन पर साध्वी वृंद के व्याख्यान प्रातः 9 से 10 बजे तक हुए। साध्वी निखिलशीलाजी व प्रियशीलाजी ने फाल्गुनी चौमासी पर्व की महता पर विस्तार से प्रकाश डाला। पश्चात आलोचना का सामूहिक वाचन नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप भी हुए। इस प्रसंग दिवस पर श्रावक-श्राविकाओं ने पौषध, उपवास, आयंबिल, नीवीं, एकासन, बियासन आदि विविध तप आराधना की।

सांध्यकालीन वेला में हुआ फाल्गुनी चौमासी प्रतिक्रमण

शाम को फाल्गुनी चौमासी पर्व पर श्रावक वर्ग का प्रतिक्रमण दौलत भवन महिला स्थानक पर व श्राविका वर्ग का प्रतिक्रमण पौषध भवन पर हुआ। श्रीसंघ ने समस्त श्रावक-श्राविकाओं से फाल्गुनी चौमासी पर्व पर साध्वी वृंद की प्रेरणा एवं श्रीसंघ के आह्वान के परिणाम स्वरूप इस दिन जप, तप एवं धर्म आराधना का ठाठ रहा।

25 मार्च सोमवार को होंगे सामूहिक पारणे

फाल्गुनी चौमासी पर्व पर उपवास या इससे अधिक की तपस्या करने वाले समस्त तप आराधकों के सामूहिक पारणे 25 मार्च सोमवार को स्थानीय महावीर भवन पर होंगे। पारणे के लाभार्थी श्री धर्मलता जैन महिला मंडल की पूर्व अध्यक्षा कमलाबाई मांगीलाल सेठिया परिवार रहेंगे। पारणे के पूर्व लाभार्थी परिवार के गाँधी चौक स्थित आवास पर नवकार महामंत्र के सामूहिक जाप होंगे।

Related Articles

Back to top button