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माता शबरी की जयंती मनाई

*आदिवासी युवा क्रांति संघ मध्यभारत* ने हनुमान मंदिर गुराडिया फलिया खालखंडवी में भील कुल नी माता शबरी की जयंती मनाई ‘…

 

भील आदिवासी समाज की महान  विभूति ‘ भील समाज की पूर्वज प्रभु श्री राम भक्त माता शबरी भील का जन्मोत्सव मनाया ‘ जिस तरह पूरा देश राममय हुआ ‘ अयोध्या में प्रभू श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा हुई ‘ जब जब दुनिया प्रभू श्री राम का नाम लेगी ‘ तब तब भील समाज की माता शबरी को भी जानेंगे ‘ …

कार्यक्रम की शुरुआत करने से पहले वरिष्ठ साधु संत ‘ मुख्य वक्ताओं ने भारत माता एवं प्रभू श्री राम भक्त शबरी माता की तस्वीर पर माल्यार्पण किया…

*आदिवासी युवा क्रांति संघ मध्यभारत* के बैनर तले प्रखर राष्ट्रवादी आदिवासी समाज के मुख्य वक्ता *राजेश डावर* ने बताया की हमारे भील समाज की माता शबरी ‘ जिन्होंने तन मन धन सब कुछ त्यागकर प्रभु श्री राम की आराधना करी , और प्रभु श्री राम उनसे मिलने खुद पैदल चलकर वन में उनकी कुटिया में पहुंचे ‘ और माता शबरी के झूठे बेर खाएं ‘ आज इतिहास में दर्ज है माता शबरी और प्रभू श्री राम का मिलन  ‘ भील समाज के वालिया (वाल्मिक ऋषि )भील ने रामायण लिखी ‘ भील आदिवासी समाज गर्व करता है कि आज इन महान विभूतियों ने हिंदू धर्म की अलख जगाई और पुरे आदिवासी समाज में भक्ति के मार्ग को आगे बढ़ाया ‘ जब-जब पूरी दुनिया प्रभु श्री राम को जानेगी ‘ तब तक इन महान भील आदिवासी समाज के देवी देवताओं को भी जानेंगे ..

आदिवासी संत *मनसुख महाराज* ने कहा हम कितने सौभाग्यशाली है की हज़ारों लाखों राजा महाराजाओं से ना मिलकर प्रभू श्री राम वन में माता शबरी भील से मिले ‘ उनको आशीर्वाद दिया और आज पूरा इतिहास गवाह है ‘ की आज हम शबरी माता की जयंती मना रहे ‘ …

*आदिवासी युवा क्रांति संघ* के सस्थापक सदस्य *राजेश मैडा* ने भरें मंच से माता शबरी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए ‘ संगठन के उद्देश्यों को बताया ‘ उन्होंने कहा ‘ आदिवसी समाज शिक्षा , स्वास्थ्य में पीछे जा रहा है ‘ भील आदिवासी समाज के बाबा देव ‘ सावन माता मंदिर के जीर्णोद्धार करना ‘ एवं आदिवासी समाज में फेल रहें धर्मान्तरण को जड़ से खत्म करना है ‘ आदिवासी युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना है ‘ आदिवासी समाज के वीर क्रांतिकारी पूर्वजों को उनकी जयंती पर याद करना एवं उनके जन्मदिन पर कार्यक्रम करना ‘…

आदिवासी संत *रूपसिंग महाराज* ने कहा हमारी आदिम सनातन संस्कृति को हमे बचाकर रखना ‘ एवं DJ  ‘ जैसे घातक यंत्रों से आज की युवा पीढ़ी बर्बादी की ओर जा रही है ‘ उन्हें रोकना चाहिए ‘ ढोल ‘ मांदल ‘ एवं आदिवासी समाज के रीतिरिवाजों , परंपराओ की रक्षा करना हमारी जिम्मेदारी है…

संगठन के कार्यकर्ताओं ने भील आदिवासी समाज की सनातन संस्कृति के तहत माता शबरी जयंती पर बड़े ढोल , मांदल बजाए ‘ और माता शबरी को याद किया….

कार्यक्रम में पधारे सभी वरिष्ठ जनों, संतजनों का आदिवासी युवा क्रांति संघ मेघनगर ब्लॉक अध्यक्ष *गोविंद खड़िया* ने सभी का आभार व्यक्त किया ‘ और मंच का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता मनीष मेडा ने किया ..!

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